प्रकाश... अनंत से भी आगे

प्रकाश की गति 299,792,458 m/ s (लगभग 3 लाख KM/सेकंड) होती है और रौशनी से तेज़ कुछ भी नहीं हो सकता.. पर ऐसा क्यों?‌‌‌‌

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प्रकाश... अनंत से भी आगे

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घोंघे यानि Snail की गति लगभग 47 m/h होती है, मानव अधिकतम 45 km/h और चीता 60 KM/h की रफ़्तार से दौड़ सकता है. जापान की एक ट्रेन लगभग 583KM/h ki गति तक चल सकती है. आवाज़ की गति 343 M/ s, American aircraft  X-15 तो आवाज़ की गति से भी 6-7 गुना तेज़ रफ़्तार से चल सकता है.

और NASA का जूनो स्पेसक्राफ्ट तो लगभग लगभग 73.6 km/s तक जा चुका है. जो कि इंसान द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे तेज़ ऑब्जेक्ट कहा जा सकता है.‌‌

किन्तु प्रकाश की गति 299,792,458 m/ s (लगभग 3 लाख KM/सेकंड) के सामने यह कुछ भी नहीं. रौशनी से तेज़ कुछ भी नहीं हो सकता.. पर ऐसा क्यों?‌‌‌‌

विसिब्ल लाइट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम का एक हिस्सा है. इसमें रेडियो वेव्स, मिक्रोवेव्स, इन्फ्रारेड, विसिब्ल लाइट, अल्ट्रा वायलेट, क्स-रे और गामा-रे शामिल हैं.‌‌

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इसे एक तरह के धागों के गुच्छेके जैसे इमेजिन कर सकते हैं. यह सब प्रकाश ही हैं, हम इंसान बस इसके एक छोटे से हिस्से को ही देख पाते हैं. सयुंक्त रूप से इसे विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम या electromagnetic spectrum कहते हैं.‌‌‌‌

प्रकाश की गति कांस्टेंट लगभग 3 लाख Km/s (299,792,458 m/ s) है. यह न तो इससे अधिक हो सकती है और न ही कम. प्रकाश की गति को आइंस्टीन के स्पेशल रिलेटिविटी के सिद्धांत E = mc^2 में c के रूप में दर्शाया गया है. जिसका मतलब है कि ऊर्जा और द्रव्यमान दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. और c इसमें कांस्टेंट है.‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌

लाइट की प्रकृति एक साथ दो प्रकार की होती है. वेव रूप और पार्टिकल रूप.

प्रकाश का पार्टिकल है फ़ोटॉन. जिसका द्रव्यमान शून्य होता है. इसलिए यह इस गति से चलता है. अगर किसी ऑब्जेक्ट का द्रव्यमान शून्य नहीं है तो उसे प्रकाश की गति पाने के लिए असीमित एनर्जी की आवश्यकता होगी. जो की फिलहाल तो नामुमकिन ही लगता है और शायद है भी.‌‌

पर ऐसा क्यों? प्रकाश एक ही गति पर क्यों चलता है ?‌‌

वास्तव में प्रकाश, यूनिवर्स के लिए कोई ख़ास नहीं है. प्रकाश की गति, प्रकाश की स्पीड नहीं बल्कि इस ब्रह्माण्ड की Causality यानि इस ब्रह्माण्ड में घटनाओं के घटित होने की गति है जो की कांस्टेंट लगभग 3 लाख Km/s है.‌‌

मुझे पता है ये Confusing है पर मेरे साथ बने रहिये.‌‌

अब ब्रह्माण्ड की Causality की यही स्पीड क्यों है यह एक अलग विषय है इसे बाद के लिए छोड़ देते हैं.‌‌

ब्रह्माण्ड के कुछ नियम हैं उन्ही में से एक है कि सिर्फ शून्य द्रव्यमान के ऑब्जेक्टस ही Causality की स्पीड पर चल सकते है. चूँकि फ़ोटॉन का ग्राव्यमान शून्य होता है इसलिए वो Causality की स्पीड पर चलता है.

ध्यान देने वाली बात यह है कि फ़ोटॉन की स्पीड accelerate नहीं होती और न ही कम होती है. फ़ोटॉन अपने सोर्स जैसे मोमबत्ती या सूर्य में उत्पन्न होते ही इसी गति पर होता है. न कम. न ज्यादा. ‌‌

कुछ क्लेम्स हुए हैं लाइट से तेज़ पार्टिकल “Neutrinos” की खोज के, पर पूर्ण रूप से साबित नहीं हो सके. लिंक्स नीचे दी हुई हैं.

forbes.com

तो अब आपको बेहतर अंदाज़ा हो गया होगा कि प्रकाश की गति इतनी क्यों है और कोई और वस्तु इस स्पीड पर क्यों नहीं चल सकती.‌‌

आपको क्या लगता है कि फ़ोटॉन को यह ब्रह्माण्ड और समय कैसा प्रतीत होता होगा? ‌‌

These Neutrinos (Tachyons) May be faster than light
https://www.youtube.com/watch?v=7nFheh0EijA
https://www.youtube.com/watch?v=qJ0m13iJw0k
https://www.theguardian.com/science/2011/sep/22/faster-than-light-particles-neutrinos
Debunk-faster-light-neutrinos
sciencemag.org/news/2012/06/once-again-physicists-debunk-faster-light-neutrinos

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