क्या आप जानते हैं इन्टरनेट का इतिहास?

आप में से कई लोगों ने इंटरनेट के विकास को शुरुआत से देखा होगा या कम से कम उसकी प्रोग्रेस के बारे में ज़रूर जानते होंगे. पर ज्यादातर के लिए तो इंटरनेट शुरू से ही ऐसा रहा होगा.. एंटरटेनमेंट, नॉलेज, अफ़वाहों और दोस्तों से भरा हुआ.

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क्या आप जानते हैं इन्टरनेट का इतिहास?
Photo by Marvin Meyer / Unsplash

चलिए आज थोड़ा इंटरनेट के बारे में जानते हैं.

इस कहानी के कई नायक हैं. इंटरनेट किसी एक संस्था या व्यक्ति के द्वारा नहीं बल्कि अनगिनत लोगों और संस्थाओं के प्रयासों से विकसित हुआ है. इनमें से ज़्यादातर अमेरिकी कंपनियां और व्यक्ति थे. इंटरनेट की कहानी इसका इतिहास इतना बड़ा है की इसे एक वीडियो/ आर्टिकल में नहीं समझा जा सकता.

पर हम कोशिश तो कर ही सकते हैं. है न ?

शुरुआत करने के पहले मैं आपसे पूछना चाहूँगा कि आप को पहली बार इंटरनेट कब मिला? और आप इंटरनेट के बारे में क्या सोचते है. अपने विचार कमेंट में  ज़रूर शेयर कीजिए.


इंटरनेट की असली शुरुआत लगभग 56 साल पहले हुई. उस समय कंप्यूटर कमरे के आकर के होते थे. वैज्ञानिक  शीत युद्ध के दौरान इनका उपयोग कम्युनिकेशन के लिए करते थे. 1962 में एक वैज्ञानिक J.C.R. Licklider ने ऐसे कंप्यूटरों का प्रस्ताव रखा जो एक दूसरे से कम्यूनिकेट कर सकें. 1979 में अमेरिकी गवर्नमेंट के एक नेटवर्क ARPANET (Advanced Research Project Agency NETwork) के द्वारा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में संदेश भेजा था.


ARPANET के दो संस्थान जिनमे से एक UCLA और दूसरा Stanford में स्थित था, के बीच संदेश भेजा गया और संदेश था “LOGIN”. जिसमे से सिर्फ “LO” ही दूसरे कंप्यूटर को प्राप्त हुआ और सिस्टम क्रेश हो गया. साल के आखिर तक सिर्फ 4 कंप्यूटर ही नेटवर्क से जुड़े थे. साल 1971  तक लंदन और नॉर्वे को भी नेटवर्क में शामिल कर लिया गया.

इसी साल एक अमेरिकी कंप्यूटर प्रोग्रामर Ray Tomlinson एक तरह का संदेश सिस्टम विकसित करने में लगे थे जिससे अरपानेट के यूज़र आसानी से एक दूसरे को संदेश भेज सकें. बाद में इसे इलेक्ट्रॉनिक मेल या ईमेल नाम दिया गया.



इस दौरान इंटरनेट एक नहीं बल्कि कई सारे छोटे छोटे नेटवर्कों में बंटा हुआ था. नेटवर्क यूज़र अपने नेटवर्क में ही संदेश भेज या प्राप्त कर सकते थे. दूसरे नेटवर्क में संदेश भेजना संभव नहीं था. साल 1971 में ही Vinton Cerf नाम के प्रोग्रामर ने पूरी दुनिया में किसी भी नेटवर्क पर संदेश भेजने की तकनीक का विकास किया. इसका नाम था TCP (Transmission Control Protocol) और साथ ही IP (Internet Protocol).



1980 तक तो वैज्ञानिक विन्टन सर्फ के प्रोटोकॉल से ही डाटा का आदान प्रदान करते रहे. पर सही मायने में 1990 के दशक में ही आज के इंटरनेट की शुरुआत हुई.

1991 में CERN के एक कंप्यूटर प्रोग्रामर Tim Berners-Lee ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया. इसके साथ ही दुनिया में कोई भी, जिसके पास किसी भी नेटवर्क का इंटरनेट कनेक्शन हो किसी भी इंटरनेट यूज़र को डाटा भेज या यूज़र से डाटा प्राप्त कर सकता था. और इंटरनेट के दरवाज़े आम इंसानों के लिए खुल चुके थे.





इस समय आप यह आर्टिकल किसी ब्राउज़र के द्वारा पढ़ रहे हैं. Firefox, Chrome, और सफारी वर्तमान के कुछ प्रसिद्द ब्राउज़र हैं.



और जो लोग अभी भी इंटरनेट एक्सप्लोरर या माइक्रोसॉफ्ट एज का उपयोग करते हैं, अपने आप को इतनी तकलीफ़ क्यों दे रहे हो ?



साल 1992 में ERWISE बनाया गया. यह पहला ब्राउज़र था जिसमे ग्राफिकल इंटरफ़ेस था. वर्ष 1993 में MOSAIC ब्राउज़र आया इससे इंटरनेट और पोपुलर हुआ. MOSAIC ने आने वाले ब्राउज़रों को काफी प्रभावित किया उन मे से एक था Netscape Navigator जिसे 1994 में बनाया गया. साल 1995 तक 90% इंटरनेट यूज़र नेटस्केप का उपयोग कर रहे थे और यह उस समय का सबसे प्रसिद्ध ब्राउज़र बन चुका था.


1990 के दशक की शुरुआत में कुछ अमेरिकी कंपनी जैसे AOL और Compuserve ने उपभोगताओं को डायल-अप इंटरनेट कनेक्शन देने की शुरूआत की. डायल-अप कनेक्शन एक तकनीक है जिससे टेलीफ़ोन लाइन के द्वारा इंटरनेट से जुड़ा जा सकता था. उस समय इंटरनेट की स्पीड महज कुछ KBs ही हुआ करती थी.




1990 के दशक में दुनिया में याहू और एक्साइट जैसी वेब पोर्टल कंपनियों का ही दबदबा था. सर्च इंजन से ले कर मैसेजिंग और ईमेल आदि के लिए लोग इन्ही साइट्स पर आते थे. अमेज़न.कॉम की शुरुआत 1994 में हो चुकी थी पर गूगल और फेसबुक का तो नाम भी नहीं था.

गूगल की शुरुआत 1998 में हुई. फेसबुक 2004, यूट्यूब 2005 और ट्विटर 2006 में शुरू हुआ. और इन कंपनियों में जिसने भी पैसा लगाया वो माला माल हो गए.





आज हम इंटरनेट के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते. पर ये सब रातों-रात नहीं हुआ. सालों की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है की आज हम घर बैठे दुनिया से जुड़े रह सकते हैं. पहनने के लिए कपड़े और खाने के लिए पिज़्ज़ा माँगा सकते हैं. वैसे इंटरनेट के द्वारा जो पहला ऑनलाइन आर्डर हुआ था वो पिज़्ज़ा ही था.




भारत में इंटरनेट के आने की कहानी भी दिलचस्प है, जिसमे कई उतार-चढ़ाव, घोटाले और कोशिशें शामिल हैं. जिसके बारे में हम अगले आर्टिकल में चर्चा करेंगे.